बच्चो के अधिक सोने के कारण माँ को दूध पिलाने के लिए जगाना पड़ता है। बच्चा अच्छे से दूध नहीं पिता है सिर्फ चूसता है जिसकी वजह से बच्चे की मूत्र की मात्रा और मल आवृत्ति कम हो जाती है।
माँ को बच्चे को सही से स्तन का लगाव सुनिश्चित करना चाहिए। माँ और बच्चा त्वचा से त्वचा एक साथ होना चाहिए। बच्चे को बहुत कपड़े नहीं पहनाने चाहिए और हाथ खुला रखना चाहिए । के.एम.सी. स्तनपान कराने और स्तन की दूध की मात्रा में वृद्धि के लिए अच्छा है। यदि मां के.एम.सी. 2 सप्ताह के लिए अच्छे से करती है, तो शायद ही कभी किसी व्यावसायिक दूध पाउडर या गाय का दूध की आवश्यकता होगी।
बच्चे को दूध जल्दी हीं पीला देना चाहिए जब वो कुछ संकेत देने लगे जैसे वे अपने होंठ, कपड़े, खिलौने, हाथ या पैर की उंगलियों को चूसने लगे, जीभ को बाहर निकालने और सिर को बगल से ऊपर की तरफ ले जाने लगे मानो कि वो कुछ खोज रहा हो।
माँ को हर 3 घंटे के बाद बच्चे को उठा के दूध पिलाना चाहिए।
बच्चे को कोलोस्ट्रम कि छोटी मात्रा दे के कैलोरी प्रदान करने और शरीर में ग्लूकोस कि मात्रा कि कमी होने से रोक सकते है। शुरूआती दिनों में माँ स्वयं दूध को निकालने से दूध जल्दी आना शुरू होता है।