नवजात शिशु की मामूली विकास संबंधी समस्याएं

नवजात शिशु में मामूली विकास संबंधी समस्याएं: -

  1. त्वचा का निकलना: -यह कुछ समय से जन्मे या समय से अधिक दिनों में जन्मे शिशु में होता है। इसके लिए नारियल तेल का अनुप्रयोग पर्याप्त है।
  2. मंगोलियन धब्बे : -ये रंग में नीले होते हैं, जो ज्यादातर कमर के पीछे, नितंब और धड़ क्षेत्र के ऊपर मौजूद होते हैं। वे समय के साथ अपने आप ही गायब हो जाते हैं।
  3. त्वचा पर लाल-लाल दाने : -यह जीवन के दूसरेऔर तीसरे दिन दिखनेवाले पूरे शरीर में फैले लाल रंग के दाने होतें हैं। वे 2-3 दिनों में खुद ही गायब हो जातें हैं।
  4. मिलिया: -चेहरे पर पीले-सफेद धब्बे दिखाई दे सकते हैं जो अपने आप ही गायब हो जाते हैं।
  5. स्ट्रोक-बिट्स / सलीमोन पैचेस: -ये गुलाबी तरह की रक्तवाहिकार्बुद केशिका हैं,जो आमतौर पर गर्दन, माथे, नाक की जड़, ऊपरी पलक, गर्दन के नप के ऊपर देखे जाते हैं। ये अपने आप ही खत्म हो जाते हैं।
  6. उपनेत्रश्लेष्मला रक्तस्राव (सबकन्जंक्टिवाल): : -वे कुछ दिनों के भीतर अवशोषित हो जाते हैं।
  7. जीभ बाहर न आना: -जीभ को होंठों के अग्रभाग से बाहर नहीं निकाला जा सकता है।यह भाषा की स्पष्टता को प्रभावित कर सकता है लेकिन भाषा के विकास में देरी नहीं करता है। यह 1 साल के बाद ठीक किया जा सकता है।
  8. एप्सटीन पर्ल्स: -यह तालव्य तथा लिड्डा के मुँह पर के भाग में सफेद धब्बे की तरह दीखता है, इसके लिए उपचार की आवश्यकता नहीं होती है|
  9. चर्म मर्मरता: -यह क्षणिक जाल जैसा लाल या नीले रंग का होता है जो कि आमतौर पर कम पर्यावरणीय तापमान से होता है। जब शरीर ठंड पड़ जाता है तब यह दिखाई देता है। शरीर के विकास के साथ यह गायब हो जाती है।
  10. प्रासूतिक जन्म का दांत: -ये जन्म के समय मौजूद हो सकते हैं या इसके तुरंत बाद निचले भाग में आ सकते है। स्तनों में दर्द कराने पर या ढीले होने पर उन्हें हटा दिया जाना चाहिए।
  11. योनिच्छद मांस: -वे छोटे गुलाबी रंग के म्यूकोसल टैग हैं, जो योनिच्छद में 1-3 की संख्या में होते हैं। ये सामान्य संरचनात्मक विभिदत्ता हैं।
  12. लिंग के मुँह पर की चमड़ी पीछे न आना: -इसमें लिंग का ऊपरी चमड़ी चिपका हुआ रहता है। मूत्रमार्ग पिन-बिंदु जैसा रहता है जिसे खींचने की आवश्यकता नहीं है।
  13. जन्मजात हाइड्रोसील: -यह जीवन के पहले तीन महीनों में अनायास गायब हो जाती है।यदि ठीक नहीं हो तब सर्जन से सलाह लेंना चाहिए।
  14. बाहर निकला हुआ जिफिस्टरनुम: -नवजात शिशु में थोड़ा बाहर निकला हुआ जिफिस्टरनुम हो सकता है और ये गैर महत्वपूर्ण होता है।
  15. नाल हर्निया : -यह पेट की मांसपेशियों के विभाजन के कारण होता है।वे 3 साल तक अनायास ही गायब हो जाते हैं।