समय पूर्व जन्मे और कम वजन के बच्चे का पोषण
समय पूर्व जन्मे और कम वजन के बच्चे का पोषण
28% बच्चे प्रसव के दौरान कम वजन के पैदा होते है (यूनिसेफ, 2014)। अधिकांश कम वजन वाले समय से पहले जन्मे बच्चे और समय पर जन्मे लेकिन कम वजन वाले बच्चे आगे चलकर भविष्य में भी कम वजन और कम उचाई (कुपोषित) रहते है। इसलिए इन शिशुओं के पोषण को उचित महत्त्व दिया जाना चाहिए।
पिलाने के लिए दूध का विकल्प:-
“माँ का दूध” और “माँ का ही दूध” कम वजन और समयपूर्व बच्चे सहित सभी नवजात शिशु के लिए आदर्श आहार है। माँ द्वारा स्तन से निकाला गया दूध ही बच्चे को देना चाहिए। सबसे अच्छे विकल्प के रूप में दूध के महत्त्व को देखते हुए अन्य स्तनपान कराने वाली माँ का निकाला गया दूध (डोनर दूध) भी दिया जा सकता है।
दूध पिलाने का तरीका:-
- 1. गर्भ की आयु के 28-31 सप्ताह तक, बच्चा निप्पल से चूसने में अपरिपक़्व होता है तो नली से खिलाना पड़ता है।
- 2. गर्भकालीन आयु के 32-34 सप्ताह पर चुस्ने, निगलने और सांस लेने का समन्वय है तो, चमच, कटोरी या कप का उपयोग करके दूध पिलाया जा सकता है।
- 3. गर्भकालीन आयु के 34 सप्ताह में, अच्छा चूसने, निगलने और सांस लेने में समन्वय होता है, तब स्तनपान शुरू किया जा सकता है।
स्तन से दूध को कैसे निकालना चाहिए:-
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1. माँ को अपने हाथों को 8 चरणों में अच्छी तरह धोना चाहिए।
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2. जिस स्तन से दूध निकालना हो, उस स्तन के पास 30 ML. का कप रखे।
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3. माँ को निप्पल की और गोलाकार गति में दूध को व्यक्त करने से पहले 5-10 मिनट के लिए स्तन को मालिश करना चाहिए जैसे आट्टा गूंधते है, दो उंगलियों का उपयोग करके या मुठी बांध के। माँ बच्चे को खाली स्तन में गैर पोषक चूसना भी कर सकती है जो स्तन का दूध उत्पादन और निष्काशन दोनों में मदद करती है।
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4. माँ को निप्पल और अरोला के ऊपर अंगूठे और नीचे से अपनी पहली उंगली से दबाना चाहिए। अन्य उंगलियों से स्तन को पकड़ना चाहिए।
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5. माँ को अपने स्तन को निप्पल के पीछे अरोला के नीचे दबाना चाहिए।
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6. माँ को स्तन को 360 डिग्री में सामान रूप से दबाना चाहिए ताकि स्तन के सभी खंडों से दूध निकल सके।
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7. पहले एक स्तन का दूध निकल कर फिर दूसरे स्तन पर यह प्रक्रिया दोहराएं।
स्तन से निकाले गए दूध का संचय:-
स्तन के दूध को संगृहीत करके रखने के तरीके:-
1. कमरे के तापमान पर:- 6 घंटे के लिए 2. रेफ्रिजरेटर में :- 24 घंटे के लिएकप/चमच/कटोरी से खिलाने के तरीके:-
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1. हाथ धोने के 8 चरणों को ध्यान में रखते हुए अपने हाथों को अच्छी तरह से धोएं।
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2. बच्चे को माँ की गोद में सर ऊँचा करके रखे।
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3. गिरे हुए दूध को साफ़ करने के लिए गर्दन के चारो तरफ एक सूती कपडा रखे।
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4. मापन कप का प्रयोग करके निकाले गए स्तन के दूध को आवश्यक मात्रा में ले।
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5. कप के सिरे को बच्चे के मुँह के कोने पर रखें और थोड़ी मात्रा में दूध मुंह में डाले।
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6. यदि बच्चा नहीं निगलता है तो पैर और कान के पीछे कोमल गुदगुदी के साथ बच्चे को जगाये।
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7. दूध का सेवन नापते समय कप में बचे दूध की मात्रा और गिरे हुए दूध की अनुमानित मात्रा को घटाए।
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8. कप को साबुन और पानी से धोये और अगले आहार से पहले कीटाणुरहित बनाने के लिए 20 मिनट तक उबले हुए गर्म पानी में डाले।
दूध पिलाने की मात्रा:-
पूर्ण आहार जो दी जानी चाहिए वह एक दिन में शरीर के प्रत्येक किलोग्राम के लिए 200 ML. है, यह कम वजन के बच्चे की पोषण सम्बन्धी जरूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त कैलोरी और अधिकांश सूक्ष्म पोषक प्रदान करता है। हालांकि विटामिन, आयरन और कैल्सियम-फॉस्फोरस भी पूरक के रूप में देना चाहिए।
दूध 200 एम.एल./किग्रा/दिन, कप/कटोरी/चमच द्वारा प्रत्येक 2-3 घंटे में 8-12 बार सामान रूप से विभाजित करके देना चाहिए | दूध की मात्रा 24 घंटे में 8-12 बार मूत्र की आवृति और वजन बढ़ने से आँका जा सकता है जो कि एक दिन में 15-20 ग्राम होता है।