प्रसवपूर्व सलाह

प्रसवपूर्व सलाह

गर्भवती महिलाओं को निम्नलिखित सलाह दी जा सकती है:

  1. विश्राम और नींद: - गर्भवती महिलाएँ गर्भावस्था के दौरान अपनी सामान्य गतिविधियाँ कर सकती हैं। केवल पहली तिमाही और अंतिम 4 सप्ताह में अत्यधिक और तनावपूर्ण काम से बचना चाहिए। उन्हें आखरी 6 हफ्तों में 10 घंटे (रात में 8 घंटे और दोपहर में 2 घंटे) आराम करना चाहिए। अंतिम तिमाही के दौरान, निम्न रक्त्चाप से बचने के लिए माँ को पार्श्व मुद्रा में लेटना चाहिए।
  2. व्यायाम: - चिकित्सा या प्रसूति संबंधी जटिलताओं की अनुपस्थिति में, गर्भवती महिलाओं के लिए सप्ताह के सभी दिनों में प्रति दिन 30 मिनट या अधिक से अधिक मध्यम व्यायाम की सलाह दी जाती है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की विशिष्ट शारीरिक आवश्यकताओं का ध्यान में रखते हुए, योग अभ्यास के विभिन्न प्रकारों के विशिस्ट योगविधि का उपयोग करना चाहिए।
  3. नुकसान पहुचने वाले रसायन और विषाक्त का उपयोग न करे: - कीटनाशकों से दूर रहें। फलों और सब्जियों पर छिड़कने वाले कीटनाशकों से छुटकारा पाने के लिए, कुछ समय के लिए काटने या छीलने से पहले उन्हें नमक पानी में भिगो दें। अच्छी तरह से धोये । बंद कमरों में मच्छर भगाने वाले धुप का इस्तेमाल न करें, इसकी जगह मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
  4. आंत: - - इस समय पर कब्ज़ आम होता है। मां को भरपूर मात्रा में तरल, सब्जियां, दूध या रात में जरूरत पड़ने पर कब्ज़ के औषधि लेना चाहिए।
  5. स्नान:-उन्हें रोज नहाना चाहिए।
  6. कपड़े: -उनहे ढीले और आरामदायक कपड़े पहनना चाहिए। ऊँची एड़ी के जूते और किसी भी कसनेवाला पेटी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
  7. मुंह का स्वच्छता: - उचित दंत चिकित्सा और मुंह का स्वच्छता बनाए रखी जानी चाहिए। किसी भी दंत समस्याओंका निवारण जैसे कि अर्क दांत के निष्कर्षण या भरने की प्रक्रिया दूसरी तिमाही में किया जाना चाहिए।
  8. स्तन की देखभाल: - एक ठीक तरह से छाती पर बिठने वाली ब्रा गर्भावस्था के दौरान संलग्न स्तन को राहत दे सकती है।
  9. यौनक्रिया:- सामान्यतः यौनक्रिया गर्भावस्था के दौरान मना नहीं है। लेकिन, जिन महिलाओं में गर्भपात, समय के पहले प्रसव का खतरा हो, उन्हें वर्जन यौनक्रिया करना चाहिए।
  10. यात्रा: - धक्का देने वाला यात्रा से बचना सबसे अच्छा है। रेलवे का सफर बस से बेहतर है। गर्भावधि उम्र के 36 सप्ताह तक ही हवाई यात्रा करना सुरक्षित है और प्लेसेंटा प्रीविया, प्री -एक्लम्पसिया, गंभीर रक्त अल्पता और सिकल रोग के मामले में यात्रा सबसे बचना अच्छा होता है। लंबे समय तक बैठने से खून जमने का जोखिम होगा। सीट बेल्ट पेट के नीचे कमर पर होना चाहिए।
  11. धूम्रपान, मदिरा और नशा सेवन: - इन के कारण कम वजन के बच्चे , भ्रूण का विकृत होना, एकाएक शिशु मृत्यु (एस.आई.डी.एस.) और मृतजन्म होता है।
  12. संक्रमण से अपने आप को दूर रखें: - माँ को बार-बार खाना पकाने, खाने से पहले और शौचालय के उपयोग के बाद साबुन और पानी से हाथ धोना चाहिए। बीमार लोगों से बचना चाहिए।
  13. भावनात्मक स्वास्थ्य: - किसी भी प्रकार का तनाव माँ में चिंता, उदासी, अकेलेपन का कारण बन सकता है। परिवार को घर का माहौल सकारात्मक और सुरक्षित बनाना चाहिए। घरेलू हिंसा नहीं होना चाहिए।
  14. स्तनपान: - माँ को शारीरिक और भावनात्मक रूप से स्तनपान कराने के लिए तैयार करना चाहिए। बच्चे के पैदा होने से पहले ही स्तन का अगला भाग की किसी भी समस्या का प्रबंधन किया जाना चाहिए।